भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व|| इंपॉर्टेंस ऑफ एग्रीकल्चर इन इंडियन इकोनामी||importance of Agriculture in Indian economy - AGRICULTURE

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भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व|| इंपॉर्टेंस ऑफ एग्रीकल्चर इन इंडियन इकोनामी||importance of Agriculture in Indian economy

 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का आज हम लोग इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे भारतीय कृषि और इसका महत्व जहां पर हम कृषि के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करेंगे और इसके विभिन्न महत्व के बारे में जानेंगे तो चलो जान लेते हैं भारतीय कृषि का भारतीय अर्थव्यवस्था पर महत्व के बारे में। 


भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व|| इंपॉर्टेंस ऑफ एग्रीकल्चर इन इंडियन इकोनामी||importance of Agriculture in Indian economy









भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व


 भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां के जीवन और अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान हर दृष्टि से सर्वोच्च है।भारत की आबादी की आधी से अधिक जनसंख्या इसी कृषि पर ही निर्भर है यानी उसका भरण पोषण का स्रोत कृषि ही है। 


 राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान


देश के घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है वर्ष 1950 51 में कुल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान लगभग 60% था। वर्तमान जीडीपी में कृषि का भविष्य लगभग 0.5% है। 


रोजगार प्रदान करने में कृषि का योगदान


वर्ष 1951 में कार्यकारी जनसंख्या का 69.5 प्रतिशत कृषि में लगा हुआ था। वर्तमान में यह लगभग 57% है किंतु जनसंख्या में तीव्र वृद्धि होने के कारण कृषि में लगे हुए लोगों की वास्तविक संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 


देशवासियों के उपभोग में कृषि पदार्थों का स्थान


साधारणतया भारतीयों का जीवन स्तर नीचा है। इसलिए वे आय का बड़ा भाग खाद्य पदार्थों पर वह करते हैं ऐसा अनुमान लगाया गया है। कि भारत में ग्रामीण परिवार अपने कुल आय का लगभग 44% है तथा शहरी परिवार अपने कुल आय का लगभग 56% खाद्य पदार्थों पर व्यय करते हैं इस प्रकार खाद्य पदार्थों पर व्यय का पारिवारिक बच्चों में अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है।जनसंख्या तथा प्रति व्यक्ति निजी उपभोग में कृषि की संभावनाओं को ध्यान में रखकर योजना आयोग ने कृषि पदार्थों की मांग में 4.7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है। इस समय देश में खाद्य पदार्थ संबंधी आत्मनिर्भरता उसी समय तक रह सकती है जबकि कृषि उत्पाद में कम से कम 5% वार्षिक वृद्धि हो ऐसा ना होने पर मांग और पूर्ति में असंतुलन रहेगा। 


औद्योगिक विकास में योगदान


भारत के प्रमुख उद्योगों को कच्चा माल किसी से ही प्राप्त होता है। सूती और पटसन वस्त्र उद्योग ,चीनी ,वनस्पति ,,तथा बागान उद्योग आदि प्रत्यक्ष रूप से कृषि से ही जुड़े हुए हैं ।हथकरघा, बुनाई, तेल, चावल आदि बहुत से लघुता कुटीर उद्योग को भी कृषि से ही कच्चे माल की प्राप्ति होती है। 


अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कृषि का महत्व


भारत के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग कृषि से ही जुड़ा हुआ है। वर्ष 2013-14 में देश के निर्यात में कृषि वस्तुओं का अनुपात लगभग 11.8 प्रतिशत था तथा कृषि से बनी हुई वस्तुओं का अनुपात भी लगभग 27% था ।भारत के कुल निर्यात में कृषि और उससे संबंधित वस्तुओं का अनुपात लगभग 36.8 प्रतिशत है। जो कृषि के महत्व को दर्शाता है।

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