EV बैटरी स्वेपिंग पॉलिसी रणनीति: नीतिआयोग।। Niti Aayogs draft EV battery policy in hindi।। Draft Battery Swapping Policy NITI Aayog in hindi - AGRICULTURE

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EV बैटरी स्वेपिंग पॉलिसी रणनीति: नीतिआयोग।। Niti Aayogs draft EV battery policy in hindi।। Draft Battery Swapping Policy NITI Aayog in hindi

 

EV बैटरी स्वेपिंग पॉलिसी रणनीति: नीतिआयोग।। Niti Aayogs draft EV battery policy in hindi।। Draft Battery Swapping Policy NITI Aayog in hindi

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का मैं सुधीर भार्गव आप सभी का स्वागत करता हूं और आज हम किस आर्टिकल में पर्यावरण फ्रेंडली और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले इलेक्ट्रिकल वाहन की बैटरी स्वाइपिंग पॉलिसी जो नीति आयोग द्वारा जारी की गई है उसके अंतर्गत हम लोग चर्चा करेंगे। 


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ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के परिदृश्य को देखते हुए हमें यातायात के साधनों से होने वाले उत्सर्जन से निजात पाने के लिए नीति आयोग ने एक नई रणनीति  इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी स्वेपिंग पॉलिसी को लाने की योजना बना रहे हैं तो आज हम इस आर्टिकल में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानेंगे।




बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी गई है नीति आयोग के अनुसार बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी को सबसे पहले 9 सबसे बड़े मेट्रोपॉलिटन शहरों में शुरू करेगा इसके बाद पूरे भारत में धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा।






Kya hota hai batry swepping Policy
बैटरी स्विप्पिंग पॉलिसी।

 
बैटरी स्वैपिंग से तात्पर्य है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को डिस्चार्ज होने के बाद बैटरी स्वैपिंग स्टेशन से हम चार्ज बैटरी से डिस्चार्ज बैटरी को एक्सचेंज कर सकते हैं जिसकी पूर्व निर्धारित मूल्य की भरपाई ग्राहक को करनी होगी। मूल की भरपाई डिस्चार्ज बैटरी की चार्जिंग लेवल और चार्ज बैटरी के चार्जिंग लेवल के आधार पर की जाएगी जिससे ग्राहक को कुछ पैसे की बचत भी संभव हो पाएगी और समय की भरपूर बचत भी होगी जो समय चार्ज करने में गुजार देते हैं
बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी बिल्कुल एलपीजी सिलेंडर के समान होगी जिसको हम गैस खत्म होने के बाद किसी भी गैस स्टेशंस से खाली सिलेंडर को भरे सिलेंडर से एक्सचेंज कर लेते हैं जिस प्रकार वहां पर हमें पुराने और नए सिलेंडर से कोई मतलब नहीं सिर्फ में गैस से मतलब होता है इसी प्रकार बैटरी स्वीपिंग पॉलिसी में भी हमें सिर्फ बैट्री चार्जिंग लेबल से मतलब रहेगा ना की बैटरी पर।






एक आंकड़े के अनुसार शहरों में अधिकतर वाहन उपयोगकर्ता 15 किलोमीटर की दूरी 1 दिन में लगभग तय करते हैं बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि यदि हम 15 किलोमीटर तक की दूरी 1 दिन में करते हैं तो हमें 40 से 50 किलोमीटर दूरी चलने वाली बैटरी लगानी चाहिए लेकिन बड़ी बैटरी लगाते हैं और उसका भार हमें हमारी गाड़ी को अलग से ढोना पड़ता है। यदि किसी विशेष दिन पर कहीं दूर जाने वाले होते हैं तो हमें एक अलग से बैटरी स्लॉट रखने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे हम दूसरी बैटरी लगा सकते हैं।











बैटरी स्वाइपिंग के फायदे


बैटरी स्वाइपिंग एक बहुत ही अच्छी रणनीति है जिसके तहत पर्यावरण प्रदूषण होने से बचा सकते हैं और इलेक्ट्रॉनिक कचरा को अच्छी तरह से प्रबंध भी कर सकते हैं बैटरी स्वैपिंग से होने वाले फायदे निम्नलिखित हैं।

चार्जिंग होने में लगने वाले समय की बचत

बैटरी स्वाइपिंग पॉलिसी के जरिए हम बैटरी को डिस्चार्ज बैटरी से एक्सचेंज करके चार्ज करने के समय को बचा सकते हैं और हमें चांद करने जैसी किसी भी प्रबंधन की समस्याओं से निजात भी मिली रहेगी बिल्कुल वैसे जैसे हम एलपीजी गैस सिलेंडर को खाली सिलेंडर को बदल लेते हैं उसी तरह बैटरी स्वैपिंग की व्यवस्था भी होगी।



बैटरी की सेल्फ लाइफ को बढ़ाना और खतरे से भी बचाना


बैटरी एक्सचेंज के जरिए हम चांद बैटरी को डिस्चार्ज बैटरी से रिप्लेस करके हम भी चांद बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर छोड़ देते हैं जहां पर उचित पर्यावरण में रखकर बैटरी को चार्ज किया जाता है जिससे बेटी के टेंपरेचर और बैटरी के लेबल और अन्य सारी कंडीशन की अच्छी तरह से जांच करके उसे चार्ज किया जाता है जैसा कि हम जानते हैं कि बैटरी चार्ज करते समय बढ़ जाता है जिससे कभी-कभी खतरों से खेलना पड़ जाता है तो इस तरह की समस्याओं से भी हमें बैटरी स्वैपिंग से निजात मिलेगी।


बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी मैं वर्किंग स्टेशन या स्वैपिंग स्टेशन बनाने के लिए सरकार प्राइवेट व्यक्तियों को सब्सिडी देगी जिसके आधार पर लोग बिजनेस को बढ़ावा दे पाएंगे और लोगों को रोजगार भी मिलेगा सरकार सब्सिडी देकर बैटरी एक्सचेंज स्टेशन बनवाएगी।


बैटरी स्वाइपिंग पॉलिसी के आने से वाहन के मूल्यों में लगभग 35 से 40 परसेंट की कमी आएगी मूल्य में आई इस कमी को बैटरी के लिए ठीक  ले पी जी सिलेंडर के लिए सिक्योरिटी मनी के रूप में सरकार को कई किस्तों में हमें भुगतान करना होगा और हम अपनी बैटरी को किसी भी स्वैपिंग स्टेशन से बैटरी को कभी भी एक्सचेंज कर सकते हैं हर किसी स्वैपिंग स्टेशन का यूनिक नंबर होगा और हर एक बैटरी का भी यूनिक नंबर होगा जिससे हम बैटरी की ट्रैकिंग आसानी से कर सकते हैं और उसे कभी भी खराब होने पर चलन से बाहर निकाल कर चला सकते हैं क्योंकि बहुत सारी  बैटरी ऐसी भी चलने होती है जो खतरे से भरी होती है।



बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी पर्यावरण मित्रवत और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए एक प्रभावी एवं क्रांतिकारी पहल साबित होगी। क्योंकि बढ़ते हुए वाहनों में उपयोग होने वाले पेट्रोलियम से हमें पेट्रोलियम को बाहर से भी लेना पड़ता है जिससे मैं बहुत अधिक मूल्य की भरपाई करने पड़ते हैं होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण में बहुत सारी कार्बन का उत्सर्जन होता है जिससे हमारे पर्यावरण को छात्रवृत्ति ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिससे मानव जीव जंतु तथा पेड़ पौधों पर बहुत ही विपरीत तरह से उन पर प्रभाव पड़ते हैं जिससे मानव में चिड़चिड़ापन व अन्य रोग जैसी समस्याएं हो जाती हैं पेड़ पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन कम हो जाता है जीव जंतुओं में भी जन्नता अनिल क्रियाएं प्रभावित हो जाती हैं और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित हो जाता है।
प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी एक अहम कदम साबित होगा।

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Sudheer Bhargav (Agriculturist) 

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