दोस्ती और प्यार में अंतर / between friendship and love - AGRICULTURE

Header Ads

दोस्ती और प्यार में अंतर / between friendship and love

 दोस्ती और प्यार में अंतर / between friendship and love

  दोस्ती और प्यार में अंतर / between friendship and love




हैलो नमस्कार दोस्तों मैं आप सभी का स्वागत करता हूं अपने ब्लॉग मे आज हम आप सभी लोगों को दोस्ती और प्यार में कुछ अंतर बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार है--




दोस्ती का मतलब अकेलापन दूर करना और दूसरे के दिल में इस तरह जगह बना लेना की जरूरत पड़ने पर वह बिना काम आए रह ही नहीं सकता जहां तक कि उसे मना भी क्यों ना किया जाए।


प्यार एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है प्यार अनेक भावनाओं जिनमें अलग-अलग विचार समाहित होते हैं!


प्यार किसी व्यक्ति के प्रति स्नेह की भावना है कुछ लोग तो प्यार को अंधा कहते है।




दोस्ती और प्यार मैं कुछ मुख्य अंतर इस प्रकार हैं जो नीचे दिए गए है------






1.दोस्ती में कुछ छुपा नहीं होता या छुपाया नहीं जाता जबकि प्यार में बहुत कुछ झूठ सच पाया जाता है दोस्ती में झूठ बोलने की नौबत कम आती है जबकि प्यार में प्रत्येक दिन।




2.दोस्ती में झिकझिकाहट नहीं होती जबकि प्यार में कभी कभी होती भी है और नहीं भी।




3.दोस्ती में कुछ सोचने समझने की आवश्यकता नहीं होती जबकि प्यार में सोचना समझना पड़ता है।




4.प्रेम और दोस्ती में दो दिलों का मिलन होता है परंतु प्रेमी कहता है एक दूसरे के बगैर जी नहीं सकता जबकि दोस्त कहता एक दूसरे के लिए हम आखरी सांस तक मदद करता रहूंगा या तैयार रहूंगा।




5.प्रेम शायद कुछ उम्मीद लेकर होती है जबकि दोस्ती बिना उम्मीद बिना लालच की होती है।




6.प्यार एकांत की ओर ले जाता है परंतु दोस्ती भीड़ की तरफ, दोस्ती आप को मजबूत ही बनाती है जबकि प्यार आपको लाचार बना सकता है।




7.फिलहाल प्यार की शुरुआत दोस्ती से ही होती है फिर प्यार होता है लेकिन दोस्ती के दौरान ही उसकी पहचान हो जाती है कि वह दोस्त प्यार करने लायक है या नहीं।




8.दोस्ती की मिठास का कोई कारण नहीं होता जबकि प्यार की मिठास का कोई कारण या वजह होता है।




9.दोस्ती हम स्वयं चुन सकते हैं पर प्यार तो स्वयं उत्पन्न होता है दोस्ती हम किसी के साथ साझा कर सकते हैं परंतु प्यार सबके साथ साझा नहीं किया जा सकता।




10.दोस्ती में उलझाव नहीं होता है जबकि प्यार का विकास ही उलझाव से होता है।




11.दोस्ती एक खुली लाइब्रेरी होती है जहां हम लगभग सारे सवाल आसानी से हल कर सकते हैं जबकि प्रेम एक नोबेल होता है जो रुचिकर भी हो सकता है और नहीं भी।




12.दोस्ती में दोस्त की गलतियों को उसको एकांत में बता दिया जाता है जबकि प्यार में इसे इग्नोर किया जाता है हमें लगता है ऐसा इसलिए किया जाता है कि हसीना रुठ जाएगी इग्नोर करना ही अच्छा है।और दोस्त तो दोस्त ही होते हैं वहां तो सब कुछ चलता है।




13.वैसे प्यार की बहुत सारी कटागरियां होती है जबकि दोस्ती में ऐसा नहीं होता है।




दोस्तों हमारे ब्लॉग को पढ़ने के लिए धन्यवाद आप सभी लोग अपना राय कमेंट सेक्शन में जरूर दें अगर कुछ गलतियां हो तो जरूर बताएं ।।


                                                           धन्यवाद।


Sudheer Bhargav

Powered by Blogger.